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हर कोई दुखी और परेशान है। और खुशी उससे दूर होती जा रही है। लोगों के साथ आए दिन नई-नई समस्याएं आती रहती हैं। लेकिन यह लोगों के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। यह उनके लिए अवसाद और कई मानसिक बीमारियों का कारण बनता है। लेकिन लोगों को क्या लगता है कि हम यहां दुखी होने नहीं आए हैं? भले ही हमें पता न हो कि हम यहाँ क्यों आए हैं।लेकिन हम जानते हैं । कि हम यहां दुखी होने के लिए नहीं आए।हम अपनी समस्याओं को धीरे-धीरे हल कर सकते हैं।और खुश और उत्साहित रह सकता है। लेकिन क्या हम वास्तव में जानते हैं कि असली खुशी क्या है? हां, हम जानते हैं कि असली खुशी भीतर से आती है। फिर भी हमें बाहर खुशी मिलती है।लेकिन समस्या यह नहीं है। समस्या यह है कि हम कब तक खुश रह सकते हैं।मैंने लोगों को देखा है और खुद महसूस किया है। खुशी के बाद दुख आता है। जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। लेकिन यह है और इसे हमेशा नकारा नहीं जा सकता। न ही यह चीज़ खत्म हो सकती है। क्योंकि यह एक नियम की तरह है, भले ही वह नियम न हो। लेकिन हमने अक्सर महसूस किया है कि जब हम खुश होते हैं तो कुछ समय बाद या लंबे समय तक खुश रहने के बाद या अन्य चीजों के कारण या किसी भी चीजों के कारण बाद में हम कभी ना कभी दुखी होते हैं। ऐसा कोई इंसान नहीं है जो हमेशा खुश रहे और कभी दुखी हो ही ना। यह बिलकुल स्वाभाविक है और ऐसा होना भी चाहिए। क्योंकि हम जानते हैं कि अगर हमें दुख का परेशानियों का एहसास ना हो तो हमें खुशी , शांति का आनंद ही नहीं आएगा। पर समस्या तब शुरू होती है जब लोग इसे सीरियस लेने लगते हैं। और अत्याधिक दुखी परेशान और उदास हो जाते हैं। और समस्या तब बढ़ जाती है जब यह लंबे समय तक जारी रहता है । और इसके बहुत सारे नुकसान शुरू हो जाते हैं। जैसे नकारात्मक विचारों के कारण भावनाओं का नकारात्मक होना आत्मविश्वास कम होना। और भी बहुत कुछ जैसे-जैसे यह चलता रहता है वैसे वैसे लोगों का मनोबल कम हो जाता है और वह सही फैसले नहीं ले पाते हिम्मत नहीं जुटा पाते और कुछ भी नहीं कर पाते। पर इस सब की शुरुआत सिर्फ एक चीज से हो रही है। वह है बहुत ज्यादा दुखी होने से, और लगातार नकारात्मकता को स्वीकार करने से। जबकि यह असलियत नहीं है। जो लोग खुश रहतेेे हैं सकारात्मक रहते हैं जिनमें आत्मविश्वास बहुत अच्छा होता है। ऐसे लोग सही फैसलेेे लेते हैं नए काम को करने के लिए हिम्मत करते हैं। और हार नहींं मानते। ऐसे लोग सफल भी होते हैं, ।
हर कोई दुखी और परेशान है। और खुशी उससे दूर होती जा रही है। लोगों के साथ आए दिन नई-नई समस्याएं आती रहती हैं। लेकिन यह लोगों के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। यह उनके लिए अवसाद और कई मानसिक बीमारियों का कारण बनता है। लेकिन लोगों को क्या लगता है कि हम यहां दुखी होने नहीं आए हैं? भले ही हमें पता न हो कि हम यहाँ क्यों आए हैं।लेकिन हम जानते हैं । कि हम यहां दुखी होने के लिए नहीं आए।हम अपनी समस्याओं को धीरे-धीरे हल कर सकते हैं।और खुश और उत्साहित रह सकता है। लेकिन क्या हम वास्तव में जानते हैं कि असली खुशी क्या है? हां, हम जानते हैं कि असली खुशी भीतर से आती है। फिर भी हमें बाहर खुशी मिलती है।लेकिन समस्या यह नहीं है। समस्या यह है कि हम कब तक खुश रह सकते हैं।मैंने लोगों को देखा है और खुद महसूस किया है। खुशी के बाद दुख आता है। जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। लेकिन यह है और इसे हमेशा नकारा नहीं जा सकता। न ही यह चीज़ खत्म हो सकती है। क्योंकि यह एक नियम की तरह है, भले ही वह नियम न हो। लेकिन हमने अक्सर महसूस किया है कि जब हम खुश होते हैं तो कुछ समय बाद या लंबे समय तक खुश रहने के बाद या अन्य चीजों के कारण या किसी भी चीजों के कारण बाद में हम कभी ना कभी दुखी होते हैं। ऐसा कोई इंसान नहीं है जो हमेशा खुश रहे और कभी दुखी हो ही ना। यह बिलकुल स्वाभाविक है और ऐसा होना भी चाहिए। क्योंकि हम जानते हैं कि अगर हमें दुख का परेशानियों का एहसास ना हो तो हमें खुशी , शांति का आनंद ही नहीं आएगा। पर समस्या तब शुरू होती है जब लोग इसे सीरियस लेने लगते हैं। और अत्याधिक दुखी परेशान और उदास हो जाते हैं। और समस्या तब बढ़ जाती है जब यह लंबे समय तक जारी रहता है । और इसके बहुत सारे नुकसान शुरू हो जाते हैं। जैसे नकारात्मक विचारों के कारण भावनाओं का नकारात्मक होना आत्मविश्वास कम होना। और भी बहुत कुछ जैसे-जैसे यह चलता रहता है वैसे वैसे लोगों का मनोबल कम हो जाता है और वह सही फैसले नहीं ले पाते हिम्मत नहीं जुटा पाते और कुछ भी नहीं कर पाते। पर इस सब की शुरुआत सिर्फ एक चीज से हो रही है। वह है बहुत ज्यादा दुखी होने से, और लगातार नकारात्मकता को स्वीकार करने से। जबकि यह असलियत नहीं है। जो लोग खुश रहतेेे हैं सकारात्मक रहते हैं जिनमें आत्मविश्वास बहुत अच्छा होता है। ऐसे लोग सही फैसलेेे लेते हैं नए काम को करने के लिए हिम्मत करते हैं। और हार नहींं मानते। ऐसे लोग सफल भी होते हैं, ।
मुझे लगता है जो लोग फिलोसोफर (philosopher) की तरह सोचते हैं वह ऐसे सवालों के जवाब बहुत अच्छी तरह से दे सकते हैं अगर आप जानना चाहते हैं फिलॉसफी क्या होती है
तो यहां क्लिक (what is philosophy) करें..
लोगों की दुखी होने का सबसे बड़ा कारण बहुत ज्यादा सोचना है जिसे ओवरथिंकिंग (overthinking) कहते हैं। अगर आप ओवरथिंकिंग के बारे में और डिटेल्स मैं जानना चाहते हैं तो ओवरथिंकिंग पर क्लिक करें , पर यही लोगों की सबसे बड़ी समस्या जो उन्हें परेशान भी कर देती है, जो इंसान अपने कामों में व्यस्त है वह अत्यधिक सोच रहे का शिकार नहीं हो सकता। पर अगर ऐसे 1 लाइन में क्लियर करें, तो कभी भी सोचना समस्या नहीं होती अत्यधिक सोचना और नकारात्मक सोच ना समस्या है, अगर कोई बहुत ज्यादा पॉजिटिव सोचता है तो यह ओवरथिंकिंग नहीं कह लाएगी, लेकिन अगर कोई कम सोचता है पर नकारात्मक सोचता है तो यह ओवरथिंकिंग कहलाती हैं। अब बात यह है कि क्या कुछ ऐसा नहीं है जिससे हम अपने दुखों को कम कर सकें क्या कुछ ऐसा है जिससे हम लंबे समय तक खुशी रह सके हां जरूर ऐसा है जब मैंने उसके बारे में बहुत सोचा तुम्हें एक इसका एक ऐसा जवाब मिला जो संतोषजनक (मन को शांति देने बाला )था।
हम अपने जीवन में आने वाली परेशानियों समस्या और दुखों को नहीं रोक सकता क्योंकि यह जीवन का हिस्सा है सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख आना है, निश्चित ,तय, है , और ऐसा जरूर होगा। यह शायद हमारे बस में नहीं, पर एक चीज हमारे बस में है और वह है कि हम दुखी होते हैं या नहीं, यही हमारे वाश में हो सकता है हमारे पास बहुत सारे दुख और परेशानी है लेकिन अगर हमारा माइंडसेट मजबूत है तो हम दुखी नहीं होंगे। और अगर आप दृढ़ता से यह सोच लें कि चाहे जो भी हो आप दुखी नहीं होंगे और अगर आप ऐसा करते हैं तो आप हमेशा खुश रहेंगे और ज्यादा से ज्यादा समय खुश रहेंगे। जीवन में क्या परेशान और दुख आने वाला है वह हमारे नियंत्रण में नहीं है, पर हम उसपर क्या प्रतिक्रिया , ( वहवार )करते हैं यह हमारे नियंत्रण में। सोचने वाली बात यह है कि दुखी कौन हो रहा जो इंसान दुखी हो रहा है अगर परेशानी है अगर आप माइंडसेट मजबूत बना ले, और।आपने मन को शांत और नियंत्रण में कर ले तो आप जब चाहे दुखी हो सकते हैं और खुशी हो सकते हैं बिना वजह । , परेशानी आना तय है, पर आप इसपर क्या प्रतिक्रिया देते हैं यह अधिक जरुर है अगर इसे गहराई से समझा जाए तो यह बहुत उपयोगी होगा।
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